जानिए What are stones and why are they formed? के कारण, लक्षण और इलाज के बारे में। कैसे बनती है पथरी और इससे बचने के उपाय? पढ़ें संपूर्ण गाइड भारतीय स्वास्थ्य विशेषज्ञों के सुझावों के साथ।
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आज की भागदौड़ भरी जिंदगी और अस्वस्थ जीवनशैली के कारण कई स्वास्थ्य समस्याएं जन्म ले रही हैं। इन्हीं में से एक गंभीर समस्या है गुर्दे की पथरी (Kidney Stones)। यह एक आम समस्या है, लेकिन समय पर ध्यान न दिया जाए तो यह बेहद तकलीफदेह हो सकती है।
इस लेख में हम विस्तार से जानेंगे कि पथरी क्या होती है, यह क्यों बनती है, इसके लक्षण, इलाज और बचाव के प्रभावी उपाय।

पथरी क्या होती है?
गुर्दे की पथरी एक ठोस पदार्थ होता है, जो हमारे गुर्दे में खनिजों और लवणों के जमने से बनता है। यह छोटे-छोटे कणों से शुरू होकर धीरे-धीरे बड़ा हो सकता है। जब यह मूत्रमार्ग में रुकावट डालने लगता है, तब व्यक्ति को असहनीय दर्द का सामना करना पड़ता है।

पथरी के प्रकार
पथरी मुख्यतः चार प्रकार की होती है:
कैल्शियम ऑक्सलेट स्टोन – यह सबसे सामान्य प्रकार की पथरी है, जो कैल्शियम और ऑक्सलेट के अधिक जमाव से बनती है।
यूरिक एसिड स्टोन – यह पथरी उन लोगों में अधिक पाई जाती है जो अधिक मात्रा में प्रोटीन का सेवन करते हैं।
स्ट्रूवाइट स्टोन – यह संक्रमण के कारण बनती है और तेजी से बढ़ सकती है।
सिस्टीन स्टोन – यह दुर्लभ प्रकार की पथरी होती है और यह आनुवंशिक कारणों से हो सकती है।
गुर्दे में पथरी बनने के कारण
1. पानी की कमी
अगर शरीर में पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं है तो मूत्र गाढ़ा हो जाता है, जिससे खनिज और लवण आपस में मिलकर क्रिस्टल बनाने लगते हैं।
2. अधिक मात्रा में ऑक्सलेट युक्त भोजन
पालक, चाय, कॉफी, चॉकलेट और नट्स में ऑक्सलेट की मात्रा अधिक होती है, जो पथरी का कारण बन सकती है।
3. अधिक नमक और प्रोटीन का सेवन
अधिक मात्रा में नमक और प्रोटीन खाने से शरीर में कैल्शियम और यूरिक एसिड का स्तर बढ़ जाता है, जिससे पथरी बनने की संभावना बढ़ जाती है।
4. आनुवंशिक कारण
अगर परिवार में पहले किसी को पथरी रही है, तो अगली पीढ़ी में भी इसके होने की संभावना अधिक होती है।
5. बार-बार मूत्र संक्रमण (UTI)
मूत्र मार्ग में संक्रमण होने से पथरी बनने का खतरा बढ़ जाता है।
6. कुछ विशेष दवाइयाँ
कुछ दवाइयाँ, जैसे कि कैल्शियम सप्लीमेंट्स और मूत्रवर्धक दवाएँ, पथरी बनने की संभावना को बढ़ा सकती हैं।
गुर्दे की पथरी के लक्षण
तेज दर्द – कमर, पेट या मूत्र मार्ग में असहनीय दर्द महसूस होना।
मूत्र में जलन – पेशाब करते समय जलन और दर्द होना।
मूत्र में खून आना – यदि पथरी मूत्रमार्ग को नुकसान पहुँचाती है, तो मूत्र में खून आ सकता है।
बार-बार पेशाब आना – लेकिन पूरी तरह से पेशाब न हो पाना।
मतली और उल्टी – जब पथरी बड़ी हो जाती है, तो यह अपच और मतली का कारण बन सकती है।
पथरी का इलाज और उपचार
1. घरेलू उपाय और प्राकृतिक इलाज
पानी ज्यादा पिएं – रोजाना कम से कम 3-4 लीटर पानी पिएं।
नींबू पानी – इसमें साइट्रेट होता है, जो पथरी को घुलने में मदद करता है।
अजवाइन का पानी – यह पथरी को प्राकृतिक रूप से बाहर निकालने में मदद करता है।
नारियल पानी – यह मूत्र को साफ करता है और संक्रमण से बचाता है।
2. आयुर्वेदिक उपचार
गोकरू और वरुण चूर्ण – यह आयुर्वेद में पथरी के लिए प्रभावी माने जाते हैं।
पुनर्नवा का सेवन – यह गुर्दों को स्वस्थ रखता है और पथरी को निकालने में मदद करता है।
3. मेडिकल ट्रीटमेंट
दवाइयाँ – डॉक्टर मूत्रवर्धक और दर्द निवारक दवाइयाँ दे सकते हैं।
लिथोट्रिप्सी (Lithotripsy) – अल्ट्रासाउंड तरंगों की मदद से पथरी को तोड़कर बाहर निकाला जाता है।
सर्जरी – यदि पथरी बहुत बड़ी हो और प्राकृतिक तरीके से बाहर न आ रही हो तो सर्जरी करनी पड़ सकती है।
पथरी से बचाव के उपाय
पानी की मात्रा बढ़ाएं – रोजाना कम से कम 8-10 गिलास पानी पिएं।
नमक और ऑक्सलेट युक्त खाद्य पदार्थों से बचें।
प्राकृतिक आहार लें – हरी सब्जियाँ, फल और फाइबर युक्त आहार लें।
शराब और सोडा से बचें – ये मूत्राशय को नुकसान पहुँचा सकते हैं।
सच्ची घटना – एक मरीज की कहानी
रवि (35 वर्ष) को अचानक पेट में असहनीय दर्द हुआ। डॉक्टर ने बताया कि उनके गुर्दे में 6mm की पथरी है। पहले तो उन्होंने दर्द की दवाइयाँ लीं, लेकिन समस्या बनी रही। फिर उन्होंने पानी की मात्रा बढ़ाई, अजवाइन का पानी पिया और 2 महीने में बिना सर्जरी के उनकी पथरी निकल गई।
Case Studies (केस स्टडी)
केस स्टडी 1: 35 वर्षीय रोहित कुमार (दिल्ली)
रोहित दिनभर ऑफिस में बैठकर काम करते थे और पानी बहुत कम पीते थे। अचानक एक दिन उन्हें तेज पीठ दर्द हुआ और उल्टी जैसा महसूस हुआ। अल्ट्रासाउंड में पता चला कि 8mm की पथरी है। डॉक्टर ने दवा और खूब पानी पीने की सलाह दी। 2 महीने में पथरी बिना सर्जरी के निकल गई।
सीख: डिहाइड्रेशन पथरी का सबसे बड़ा कारण हो सकता है।
केस स्टडी 2: 40 वर्षीय रेखा देवी (बिहार)
रेखा जी को बार-बार पेशाब में जलन होती थी। गांव के झोलाछाप डॉक्टर से इलाज कराया लेकिन आराम नहीं मिला। बाद में CT स्कैन में पता चला कि दोनों किडनी में पथरी है। ऑपरेशन करवाना पड़ा।
सीख: सही समय पर सही डायग्नोसिस और इलाज बेहद ज़रूरी है।
User Experiences (यूज़र अनुभव)
- नीलम शर्मा (भोपाल): “मैं हर दिन 3 लीटर पानी पीती हूँ और रोज़ाना नींबू पानी लेती हूँ। इससे मेरी 4mm की पथरी बिना ऑपरेशन के निकल गई।”
- मनीष त्रिपाठी (लखनऊ): “पथरी बार-बार बनती थी। अब मैंने पालक और टमाटर खाना लगभग बंद कर दिया है और नारियल पानी को रूटीन में शामिल किया है। फ़ायदा मिला।”
Myth vs Fact (मिथ बनाम सच्चाई)
Myth (मिथक) | Fact (सच्चाई) |
---|---|
पथरी सिर्फ बुजुर्गों को होती है। | नहीं, युवा और बच्चे भी इससे ग्रसित हो सकते हैं। |
दूध और दही से पथरी होती है। | नहीं, सीमित मात्रा में कैल्शियम युक्त आहार जरूरी है। |
पथरी केवल एक बार बनती है। | नहीं, यह दोबारा भी बन सकती है अगर लाइफस्टाइल ना सुधारी जाए। |
ऑपरेशन ही एकमात्र इलाज है। | नहीं, छोटी पथरी घरेलू उपायों और दवाओं से भी निकल सकती है। |
Expert Tips (विशेषज्ञ सुझाव)
- हर 2 घंटे में एक गिलास पानी जरूर पिएं।
- पालक, चाय, रेड मीट और नमक का सीमित सेवन करें।
- नियमित व्यायाम से मेटाबोलिज़्म एक्टिव रखें।
- नींबू पानी और नारियल पानी को दैनिक आहार में शामिल करें।
- हर 6 महीने में हेल्थ चेकअप कराएं, खासकर अगर पहले पथरी हो चुकी है।
निष्कर्ष (Conclusion)
पथरी एक आम लेकिन गंभीर स्वास्थ्य समस्या है। यह हमारी दिनचर्या, डाइट और पानी की मात्रा से जुड़ी होती है। समय रहते पहचान और इलाज से इससे आसानी से निपटा जा सकता है। घरेलू उपाय, सही खानपान और विशेषज्ञ सलाह के ज़रिए पथरी से बचाव भी संभव है और इलाज भी।
लेखक संदेश: Sandy का पाठकों के लिए विशेष संदेश
प्रिय पाठकों,
स्वस्थ शरीर की शुरुआत जागरूकता से होती है। पथरी जैसी समस्या को हल्के में लेना कई बार बड़ी बीमारी का कारण बन सकता है। मेरा प्रयास है कि मैं आपको सरल भाषा में, सही और वैज्ञानिक जानकारी उपलब्ध कराऊँ, जिससे आप और आपका परिवार स्वस्थ रहें। अगर यह लेख आपको उपयोगी लगा हो, तो इसे दूसरों के साथ भी ज़रूर साझा करें।
आपका अपना — Sandy
(स्वास्थ्य जागरूकता अभियान से जुड़ा एक प्रयास)
FAQ’s पथरी और किडनी से जुड़े सबसे ज्यादा पूछे जाने वाले सवाल
1. पथरी क्या होती है और यह कैसे बनती है?
उत्तर: पथरी (Kidney Stones) ठोस खनिज और लवणों का जमाव होता है, जो किडनी में बनता है। यह तब बनती है जब शरीर में पानी की कमी हो, यूरिन में अधिक कैल्शियम, ऑक्सलेट या यूरिक एसिड हो, या गलत खानपान के कारण किडनी ठीक से फ़िल्टर न कर पाए।
2. पथरी के लक्षण क्या होते हैं?
उत्तर: पथरी होने पर तेज़ पेट दर्द (खासकर पीठ और पेट के निचले हिस्से में), पेशाब में जलन, खून आना, उल्टी जैसा महसूस होना और बार-बार पेशाब लगना आम लक्षण हैं।
3. क्या पानी कम पीने से पथरी हो सकती है?
उत्तर: हां, कम पानी पीने से यूरिन गाढ़ा हो जाता है, जिससे खनिज और लवण आसानी से जमा होकर पथरी बना सकते हैं। दिनभर में 8-10 गिलास पानी पीना बहुत ज़रूरी है।
4. कौन से खाद्य पदार्थ पथरी बनाने के लिए जिम्मेदार होते हैं?
उत्तर: पालक, टमाटर, चाय, कॉफी, चॉकलेट, रेड मीट, अधिक नमक और सोडा ड्रिंक्स में ऑक्सलेट और यूरिक एसिड अधिक होता है, जो पथरी का कारण बन सकता है।
5. क्या पथरी का इलाज बिना ऑपरेशन के किया जा सकता है?
उत्तर: हां, अगर पथरी 5mm से छोटी हो, तो यह खुद यूरिन के जरिए बाहर निकल सकती है। खूब पानी पीने, नींबू-पानी, नारियल पानी और कुछ आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों से इसे ठीक किया जा सकता है।
6. पथरी से बचने के लिए क्या खाना चाहिए?
उत्तर: ज्यादा पानी पिएं, फाइबर युक्त भोजन (जैसे साबुत अनाज, दालें, फल और हरी सब्जियां) लें, और साइट्रस फलों (नींबू, संतरा, मौसंबी) का सेवन करें।
7. यूरिक एसिड की पथरी और कैल्शियम की पथरी में क्या फर्क होता है?
उत्तर:
- यूरिक एसिड पथरी: यह ज्यादातर प्रोटीन और हाई-प्यूरीन फूड (जैसे रेड मीट, बीयर) खाने से बनती है।
- कैल्शियम ऑक्सलेट पथरी: यह पालक, चाय, टमाटर और ज्यादा डेयरी प्रोडक्ट्स के कारण बनती है।
8. क्या पथरी से किडनी खराब हो सकती है?
उत्तर: हां, अगर पथरी बहुत बड़ी हो और समय पर इलाज न किया जाए, तो यह किडनी में ब्लॉकेज कर सकती है, जिससे इंफेक्शन और किडनी फेलियर भी हो सकता है।
9. किडनी की पथरी के लिए सबसे अच्छे घरेलू उपाय कौन से हैं?
उत्तर:
- नींबू-पानी या एपल साइडर विनेगर पीना
- तुलसी पत्ता चबाना
- नारियल पानी पीना
- धनिया पानी पीना
- गोखरू और वरुणादी काढ़ा लेना
10. क्या किडनी की पथरी दोबारा बन सकती है?
उत्तर: हां, अगर सही डाइट और हेल्दी लाइफस्टाइल न अपनाई जाए, तो पथरी दोबारा बन सकती है। ज्यादा पानी पिएं, नमक और ऑक्सलेट वाली चीजें कम खाएं, और नियमित एक्सरसाइज करें।

सैंडी एक अनुभवी स्वास्थ्य लेखक हैं, जो सरल और व्यावहारिक तरीकों से भारतीय पाठकों को फिटनेस, डाइट और हेल्थ टिप्स देते हैं। स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए Stay Healthy Always पर नियमित रूप से जानकारी साझा करते हैं।
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